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1 Jan 2022 · 1 min read

सदियों का सफऱ...

जानें क्यूँ
तारीख़ बदल जानें से
मंज़र बदल जाते हैं…
मैंने तो
सदियों का सफऱ
एक ठहरे हुए
लम्हें के साथ तय किया है…
-✍️देवश्री पारीक ‘अर्पिता’

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