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11 Dec 2021 · 1 min read

याद नही करता कोई

मैं वो सब्जा़ था जिसे रोंद दिया जाता है
मैं वो जंगल था जिसे काट दिया जाता है
मैं वो दर था जिसे दस्तक की कमी खाती है
मैं वो मंजिल था जहां टूटी सड़क जाती है
मैं वो घर था जिसे आबाद नहीं करता कोई
मैं तो वो था जिसे याद नहीं करता कोई।

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