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10 Dec 2021 · 1 min read

शहादत की दास्तान

है ये तमन्ना मेरी भी
देश के लिए जान दूं मैं भी
जाऊं सीमा पर मैं
रक्षा करूं देश की मैं भी।।

होता है खुशनसीब वो
देता है शहादत देश पर जो
बन जाता है देवता वो, देश के लिए
प्राणों की आहुति देता है जो

जज़्बा हो राष्ट्र सेवा का जिसमें
दिल में बसती है भारत माता जिसके
रहे सलामत हमेशा हिंदुस्तानी वीर
तिलक हो माथे पर इस मिट्टी का जिसके।।

इंतजार जो करता है आने का उसके
है दुआ रब से, वो इंतज़ार खत्म हो
सलामत घर पहुंचे वीर अपने जंग से
और न उनके शरीर पर एक भी ज़ख्म हो।।

है प्रहरी हमारे बहादुर बहुत
देश पर अपनी जान छिड़कते है
जाते है जंग में जब भी वो
विरोधी भी खौफ से डरते है।।

है वो संतान जिसकी
वो मां बाप बेटे को देखना चाहते है
है उसके भी अपने बच्चे
जो पापा के साथ खेलना चाहते है।।

है किसी का सुहाग वो
जो हमेशा उसकी राह देखती है
करती है पूजा ईश्वर की
बस उसकी सलामती की दुआ करती है।।

है दुआ, जब भी कोई जंग खत्म हो
घरवालों का इंतज़ार भी खत्म हो
जीतकर घर लौटे जांबाज हमारे
मनाने को हर घर में बस जश्न हो।।

दे दे जो प्राणों की आहुति जंग में
मिटा दे जो खुद को खातिर देश की
नमन करता है राष्ट्र ऐसे शहीदों को
प्राण न्योछावर किए जिन वीरों ने
रक्षा करने के लिए सरहदों की।।

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