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21 Mar 2022 · 1 min read

ज़िक्र तेरा लबों पे क्या

ज़िक्र तेरा लबों पे क्या आया ।
चैन दिल को, फिर नहीं आया ।।

खुद से बिछड़े न हम मिले खुद से ।
लौट कर वक़्त, फिर नहीं आया ।।

दर्द इतना अज़ीज़ था दिल को ।
अश्क़ आंखों में, फिर नहीं आया ।।

आज भी ढूंढती नज़र उसको ।
लौट कर जो, फिर नहीं आया ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

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