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10 Dec 2021 · 1 min read

हौसले की उड़ान

सफलता की उड़ान
इतनी भी ठीक नहीं कि
आसमान के पार पहुंच जायें और
जमीन को पीछे छोड़ दें और
उसे पहचानना ही भूल जायें
हौसले की उड़ान बस
वहीं तक ठीक है
जहां से जमीन दिखती रहे
जैसे ही वह आंखों से ओझल
होने लगे तो
मानकर चलो कि
तुम्हारा थोड़ा सा पीछे पलटकर लौटना जरूरी है
रास्ता भटक गये तो फिर
वापिस अपने घर का पता
मिलना मुश्किल है।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

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