प्रेम को भला कौन समझ पाया है
काश
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
***हालात नीति***
Abhilesh sribharti अभिलेश श्रीभारती
हमने गुजारी ज़िंदगी है तीरगी के साथ
लोग जब सत्य के मार्ग पर ही चलते,
वो हक़ीक़त में मौहब्बत का हुनर रखते हैं।
ख्वाब रूठे हैं मगर हौसले अभी जिंदा है हम तो वो शख्स हैं जिसस
ऋतुओं का राजा आया
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
वो ख़्वाहिशें जो सदियों तक, ज़हन में पलती हैं।
जीवन की सुरुआत और जीवन का अंत
मेरी ज़िंदगी की हर खुली क़िताब पर वो रंग भर देता है,