Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
7 Dec 2021 · 1 min read

चुनाव का नज़ारा

बड़ा अजब होता है वो नज़ारा
अपने दोनों हाथ जोड़कर बेचारा
पांच साल के लंबे विरह के बाद
आपके घर आता है जब वो दोबारा।।

किया है बहुत और करने को
अभी भी बचा है बहुत
है जिम्मेदारियां बहुत ज़्यादा
इतना वक्त कम है बहुत।।

काम करने के लिए
मुझे और वक्त चाहिए
सेवा करने का मुझे और
एक अवसर चाहिए।।

दे दो इस बार भी अपना वोट मुझे
आगे बढ़ने को आपका साथ चाहिए
जीत जाऊंगा इस बार भी है यकीं
बस आप लोगों का आशीर्वाद चाहिए।।

फर्ज़ अपना निभाया है अच्छे से
दिख रही विकास की छटा हर हिस्से से
बातें उसकी हमको लग रही है
हो जैसे परियों की कहानियों के किस्से से।।

उसे लगता है मान जाएंगे लोग
उसकी अपनेपन की बातों को
है चुनाव का समय अभी, अभी तो
नींद भी नहीं आती उसको रातों को।।

तुम भी सोच लो अच्छे से
अब उसकी बातों में आने से पहले
कहीं और पांच साल न लग जाए
उससे अगली मुलाकात होने से पहले।।

Loading...