Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
7 Dec 2021 · 1 min read

एक दर्द भरी ग़ज़ल

क्या किया वर्षों पुराने आपने अहसास का।
एक पल ही जान लेते हाल जिंदा लाश का।।

हम तुम्हारी बाट में ही रात को सोते नहीं।
आप अंदाजा लगालो अब हमारी प्यास का।।

दर्द होता है बहुत जो जख्म अपनों से मिले।
इसलिए न तोड़ देना दिल किसी भी खास का।।

एक तो विश्वास तोड़ा आपने मेरा सनम।
दूसरे अब न भरोसा है हमारी सांस का।।

चल दिए हैं छोड़कर साथी हमारे आज क्यों।
आज वाकी न बचा है कोई मेरे साथ का।।

© कवि गोपाल पाठक (कृष्णा)
बरेली(उत्तर प्रदेश)

#शायरी #ग़ज़ल #shayari #gazal #shayri

Loading...