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23 Nov 2021 · 1 min read

दोहे

दोहे

सृजन शब्द। बिजली, तड़ित, चपला।

नभ पर बादल छा गए ,करती बिजली नाद।
घोर घटा बरसा रही, भू पर कीचड़ गाद ।।

अंबर नाचे चालिका, मेघा का संगीत।
रिमझिमी सी फुहार में, पवन सुनाए गीत।।

चंचल चपला नाचती ,बूंदों की झनकार।
मेघराज भी गा रहे ,सावन में मल्हार।।

कड़कती तड़ित ताड़िका, घोर नाद आकाश।
झूम झूम नृत्यांगना ,करती जगत प्रकाश।।

ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर हिमाचल प्रदेश

Language: Hindi
400 Views

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