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8 Nov 2021 · 1 min read

मन

मन अनवरत चल रहा है।
ये मामला कुछ व्यक्तिगत चल रहा है।
जिंदगी गेंद सी हो गयी है मानो,
उठा पटक अनगिनत चल रहा है।
-सिद्धार्थ गोरखपुरी

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