Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Nov 2021 · 1 min read

दोहे

चाँद
चंचल चितवन चाँद सी, भूले योगी योग।
राग-द्वेष में फँस गए, करते हैं नित भोग।।

अख़बार
चर्चित लोगों में हुआ, आज सकल परिवार।
अपवादों में घिर गया, बंद रखा अख़बार।।

सुरमा
सुरमा सम लोचन बसे, पिया बने शृंगार।
बंद पलक की ओट में, करें प्रणय अभिसार।।

तिल
काला तिल घायल करे, रक्तिम हुए कपोल।
आकर्षण का केन्द्र बन, बदल दिया भूगोल।।

प्यार
भाई-भाई लड़ रहे, शेष नहीं अब प्यार।
कपट भाव मन में बसा, शब्द बने तलवार।।

डॉ. रजनी अग्रवाल “वाग्देवी रत्ना”
वाराणसी (उ. प्र.)

Language: Hindi
399 Views
Books from डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना'
View all

You may also like these posts

मोहब्बत का तोफा लेकर
मोहब्बत का तोफा लेकर
goutam shaw
दोहे रमेश शर्मा के
दोहे रमेश शर्मा के
RAMESH SHARMA
कुंडलिया
कुंडलिया
गुमनाम 'बाबा'
मची हुई संसार में,न्यू ईयर की धूम
मची हुई संसार में,न्यू ईयर की धूम
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
माँ सरस्वती की वंदना
माँ सरस्वती की वंदना
Dr Archana Gupta
बात चली है
बात चली है
Ashok deep
एक वक्त था जब मंदिर ने लोग आरती में हाथ जोड़कर और माथा झुकाक
एक वक्त था जब मंदिर ने लोग आरती में हाथ जोड़कर और माथा झुकाक
पूर्वार्थ
ग़म हमें सब भुलाने पड़े।
ग़म हमें सब भुलाने पड़े।
पंकज परिंदा
मैं हर रोज़ देखता हूं इक खूबसूरत सा सफ़र,
मैं हर रोज़ देखता हूं इक खूबसूरत सा सफ़र,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मौलिक विचार
मौलिक विचार
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
Umbrella
Umbrella
अनिल मिश्र
प्यारी प्यारी सी
प्यारी प्यारी सी
SHAMA PARVEEN
*बदला तो सिर्फ कलेंडर है(हिंदी गजल)*
*बदला तो सिर्फ कलेंडर है(हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
#हम यह लंका भी जीतेंगे
#हम यह लंका भी जीतेंगे
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
आत्महत्या
आत्महत्या
आकांक्षा राय
विश्वासघात
विश्वासघात
लक्ष्मी सिंह
तन मन धन से लूटते,
तन मन धन से लूटते,
sushil sarna
शीर्षक - सोच आपकी हमारी
शीर्षक - सोच आपकी हमारी
Neeraj Agarwal
चिकित्सक- देव तुल्य
चिकित्सक- देव तुल्य
डॉ. शिव लहरी
ये धुंध नहीं दीवाली की
ये धुंध नहीं दीवाली की
Anil Kumar Mishra
साथ न कुछ जाएगा
साथ न कुछ जाएगा
Sudhir srivastava
हमारे जमाने में साइकिल तीन चरणों में सीखी जाती थी ,
हमारे जमाने में साइकिल तीन चरणों में सीखी जाती थी ,
Rituraj shivem verma
दुःख बांटू तो लोग हँसते हैं ,
दुःख बांटू तो लोग हँसते हैं ,
Uttirna Dhar
बरसात
बरसात
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
उफ ये खुदा ने क्या सूरत बनाई है
उफ ये खुदा ने क्या सूरत बनाई है
Shinde Poonam
दीपों की माला
दीपों की माला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
■हरियाणा■
■हरियाणा■
*प्रणय*
" वो कौन है "
Dr. Kishan tandon kranti
“बनावटी बातें”
“बनावटी बातें”
ओसमणी साहू 'ओश'
स्त्री की कहानी
स्त्री की कहानी
अनिल "आदर्श"
Loading...