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1 Nov 2021 · 1 min read

पाखी( दोहा)

उचक- उचक कर देखता, पाखी चारों और
जगह सुरक्षित जो मिलें, बनवाऊँ मैं ठौर
शीला गहलावत सीरत
चण्डीगढ़, हरियाणा

Language: Hindi
1 Like · 356 Views

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