Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Oct 2021 · 1 min read

धर्म और बाहुबल

रोज रोज धर्म की आड में,
होते देख अत्याचार,
बाहुबल आधार पर कब
होते प्रचार और प्रसार.
.
तथाकथित धर्म सब करे,
मानवता शर्मसार,
छीन झपटकर संग्रह करे,
बांटनवार इकसार,
.
अपनी अपनी तूमडी
अपने अपने राग.
हट भी जाये रहस्य पट
कैसे सजेगा साज.
.
आज से जो भी कहें,
कहे सोच विचार,
बेईमानों मांगते राज.
धूमिल सब आचार.

Language: Hindi
2 Likes · 3 Comments · 478 Views
Books from Mahender Singh
View all

You may also like these posts

चांद तारों ने कहकशां  लिख दी ,
चांद तारों ने कहकशां लिख दी ,
Neelofar Khan
हस्ती
हस्ती
seema sharma
हम इतने भी मशहूर नहीं अपने ही शहर में,
हम इतने भी मशहूर नहीं अपने ही शहर में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
LOST AND FOUND
LOST AND FOUND
Chitra Bisht
सभी कहने को अपने हैं मगर फिर भी अकेला हूँ।
सभी कहने को अपने हैं मगर फिर भी अकेला हूँ।
Sunil Gupta
"रुख़सत"
Dr. Kishan tandon kranti
..
..
*प्रणय*
हिलमिल
हिलमिल
Dr.Archannaa Mishraa
खुरदरे हाथ
खुरदरे हाथ
आशा शैली
सच के साथ ही जीना सीखा सच के साथ ही मरना
सच के साथ ही जीना सीखा सच के साथ ही मरना
इंजी. संजय श्रीवास्तव
मेरे दिल की आवाज़ के अनुसार जो आपसे बात करना नहीं चाहे या जो
मेरे दिल की आवाज़ के अनुसार जो आपसे बात करना नहीं चाहे या जो
रुपेश कुमार
4733.*पूर्णिका*
4733.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
प्रेम का सौदा कभी सहानुभूति से मत करिए ....
प्रेम का सौदा कभी सहानुभूति से मत करिए ....
पूर्वार्थ
अच्छा रहता
अच्छा रहता
Pratibha Pandey
हाइकु haiku
हाइकु haiku
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ग़ज़ल- वहीं इक शख़्स दुनिया में
ग़ज़ल- वहीं इक शख़्स दुनिया में
Johnny Ahmed 'क़ैस'
वक्त की मुट्ठी में कैद मुकद्दर क्या है ?
वक्त की मुट्ठी में कैद मुकद्दर क्या है ?
ओसमणी साहू 'ओश'
!!!! कब होगा फैसला मेरा हक़ में !!!!
!!!! कब होगा फैसला मेरा हक़ में !!!!
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
मैं भी साथ चला करता था
मैं भी साथ चला करता था
VINOD CHAUHAN
भ्रम अच्छा है
भ्रम अच्छा है
Vandna Thakur
जय जय सावित्री बाई फुले
जय जय सावित्री बाई फुले
gurudeenverma198
दोस्ती
दोस्ती
Dr fauzia Naseem shad
*आए फोटो में नजर, खड़े हुए बलवान (हास्य कुंडलिया)*
*आए फोटो में नजर, खड़े हुए बलवान (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
sp 61 जीव हर संसार में
sp 61 जीव हर संसार में
Manoj Shrivastava
* सुखम् दुखम *
* सुखम् दुखम *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मेरी हर आरजू में,तेरी ही ज़ुस्तज़ु है
मेरी हर आरजू में,तेरी ही ज़ुस्तज़ु है
Pramila sultan
आंगन की किलकारी बेटी,
आंगन की किलकारी बेटी,
Vindhya Prakash Mishra
उलझी  उलझी  सी रहे , यहाँ  वक़्त की डोर
उलझी उलझी सी रहे , यहाँ वक़्त की डोर
Dr Archana Gupta
किसान मजदूर होते जा रहे हैं।
किसान मजदूर होते जा रहे हैं।
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
* तेरी आँखें *
* तेरी आँखें *
भूरचन्द जयपाल
Loading...