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23 Sep 2021 · 2 min read

खुशी का पल फिर से आया

खुशी का पल फिर से आया

मन ही मन मचल रहे हैं,

बच्चों के स्कूल खुल रहे है

कोरोना को मात देकर

फिर से स्कूल चल गए है

स्कूल भेषभूषा फिर से पहन रहे हैं

एक बार फिर हम स्कूल जाने लगे है

स्कूल खुल रहे है बच्चे मचल रहे है।

खुश होकर देखो कितने मचल रहे है।।

फिर से वही मौजमस्ती

दोस्तो संग फिर से लंच करना

क्लास में फिर से महकी आचार की खुशबू

बच्चे देखो कैसे खुश हो रहे हैं

अपने टीचर से मिलकर सारा बता रहे है

कैसे रहे वो घर मे स्कूल को याद करके

स्कूल खुल रहे है बच्चे मचल रहे है।

खुश होकर देखो कितने मचल रहे है।।

डेढ़ वर्ष हो गये हैं मस्ती नही की हैं

बस हर वक्त माँ की डांट खाई हैं

बाहर भी नही निकले न खाया बाहर कुछ भी

लंच भी घर का किया डिनर भी घर ही

जहां कही भी सुना बस मातम की खबर ही थी

मास्क लगाकर ही घर से बाहर कदम रखने की थी

स्कूल खुल रहे है बच्चे मचल रहे है।

खुश होकर देखो कितने मचल रहे है।।

क्लासरुम मे चुरा कर दोस्तो का खाना याद आया

वही वक्त देखो फिर से लौट आया

आओ खुशियां मनाए पर कुछ हिदायत भी याद रखे

दो गज की हो दूरी ओर मास्क भी हो जरूरी

दौर फिर से न आये यह बात ध्यान रखनी

आपस मे बात करना पर दूरी बनाकर रखना

स्कूल खुल रहे है बच्चे मचल रहे है।

खुश होकर देखो कितने मचल रहे है।।

डॉ मंजु सैनी

गाजियाबाद

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