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28 Aug 2021 · 1 min read

कविवर तुलसीदास

काव्य कला के सूर्य हैं, कविवर तुलसीदास।
जितना पढ़ते आपको, उतनी बढ़ती प्यास।।

रचकर अतुलित ग्रंथ यह, कविवर तुलसी आप।
हरते रहते हैं सदा, लोगों के संताप।।

नायक वन में आ गए, पाकर पितृ आदेश।
हे तुलसी जी आपने, खूब दिया संदेश।।

रावण वध, सीता हरन, भाई भरत मिलाप।
हे तुलसी हर पात्र को, अमर बनाते आप।।

– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 28/08/2021

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 410 Views

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