Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
8 Aug 2021 · 2 min read

नीम

नीम

दोस्तो ,मैं हूँ नीम। देश के हर क्षेत्र में पाया जाता हूँ। शायद ही कोई इंसान ऐसा हो जो मेरे रंग रूप को देखकर यह ना कहे कि यह नीम है। प्रकृति का धन्यवादी हूँ कि उसने मुझे ऐसा वृक्ष बनाया जिस का हर हिस्सा मानव के काम आता है, एक औषधीय वृक्ष। यद्यपि मेरी तासीर कड़वी है पर मानव शरीर की कड़वाहट को मैं दूर करता हूँ। मेरे शरीर का हर भाग किसी ना किसी बीमारी को भगाने सक्षम है। फिर वह चाहे घाव हो या शूगर की बीमारी। गले के टॉन्सिल हो या चेहरे पर दाग और पिंपल । मैं नीम इन सब से छुटकारा दिलवा देता हूँ।
मेरी छाल को घिसकर लगाने से फोड़े फुंसियां ठीक हो जाते हैं चेहरे पर मेरा लेप लगाने से चेहरे में निखार , व पिंपल ठीक हो जाते हैं।
मेरी पत्तियों को पानी में उबालकर नहाने से शरीर की खाज़- खारिश व खुजली दूर हो जाती है।
मैं वातावरण को शुद्ध हवा देता हूंँ। मेरे फूलों की खुशबू आसपास के वातावरण को सुगंधित करती है और मेरी निंबौरी पेट के लिए बहुत ही लाभदायक है।
हींग लगे ना फिटकरी रंग चोखा होए , मतलब मैं जहांँ हूँ वहाँ बीमारी हो ही नहीं सकती है । जो लोग हर रोज सुबह मेरी टहनी की दातुन से अपने मुँह को साफ करते हैं उनके दाँत में कभी कीड़ा नहीं लगता दाँत मजबूत रहते हैं । दाँतों से चबाने पर दातुन से निकला रस जब गले से पेट में जाता है तब गले की बीमारी जैसे टॉन्सिल आदि ठीक हो जाते हैं। है ना कमाल की बात। सुबह-सुबह खाली पेट मेरी कोंपल को चबाने से शुगर से पीड़ित इंसान को भी फायदा होता है और धीरे-धीरे शुगर ठीक होती चली जाती है। इसके अतिरिक्त बहुत सारी चीजों के साथ मिलाकर भी मेरा दवाइयों के रुप में प्रयोग करने से अन्य कई बीमारियों को दूर किया जा सकता है । दोस्तों मैं अपने गुणों को पहचानता हूँ आप ,अपने गुणों को पहचानिए । जैसे मैं आपका सहायक हूँ वैसे आप मेरे सहायक बनिए। हम दोनों मिलकर संसार को सुंदर , स्वस्थ व निरोगी बना सकते हैं।
एक बात और, मुझे पता है कि मेरा हर अंग तुम्हारे किसी ना किसी काम आता है तो तुम्हारा भी फर्ज बनता है कि ज्यादा से ज्यादा नीम के वृक्ष लगाओ और संसार को स्वस्थ बनाओ।

अद्भुत प्रकृति के अद्भुत रंग
चलते सदा मानव के संग संग।

नीरजा शर्मा

Loading...