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7 Aug 2021 · 1 min read

"मुक्तक"-(वो कभी मानने को तैयार ही नहीं )

“मुक्तक”- (वो कभी मानने को तैयार ही नहींं )
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वो कभी मानने को तैयार ही नहीं ।
मैं भी पीछा उसका छोड़ता ही नहीं।
वो जो मेरे लिए थोड़ा मान जाती ,
तो मेरी नज़रों में सबसे अच्छा वही।।

अजित कुमार “कर्ण” ✍️✍️
किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : 07-08-2021.
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