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1 Aug 2021 · 1 min read

मुझे मुस्कुराने दो

मेरी खामोशी अपनो को चुभती है ,
मुझे चिल्लाने दो, मुझे मुस्कुराने दो ,

मैं बहता पानी रमता जोगी हूँ ,
जिसका कोई ठिकाना नही ,
मुझे यू वचनों में कैद न करो ,
मेरी हर बात पत्थर की लकीर है ,
जिसे मैंने ही समझा है ,मुझे मुस्कुराने दो ।।……

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