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31 Jul 2021 · 1 min read

क्या लिखूं तेरे लिए

लिखना होता तो मैं उसकी सांसे लिखता ,
मैंने तो लिखना ही छोड़ दिया , वरना किताबे लिख देता ,

लेकिन शामिल था उसका हर वह रंग जिसमे मैं बसा था ,
वरना मैं तो लिखते लिखते एक लाइब्रेरी बना देता ,

यू छोड़ गया तन्हा मेरे हर दर्द के शब्द को ,
वरना उसकी यादों में मैं तो यूनिवर्सिटी बना देता ।।

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