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7 Jul 2021 · 1 min read

पक्षपात का रोग

जाने क्यों पक्षपात करते है लोग ,
मुंह देखकर तिलक लगाते है लोग ।

भाई भतीजावाद भी नाम दे सकते हैं,
इसी सोच में रचे बसे है आज के लोग ।

समाज में फैला हुआ है मानसिक रोग ,
मात्र स्वजनों को महत्व देते है लोग ।

योग्यता और कुशलता कुछ भी नहीं ,
“अपने बंदे” को ही नौकरी देते हैं लोग ।

और यदि नौकरी दे भी दें तो गनीमत है ,
अपनों की ही पदोन्नति करवाते हैं लोग ।

जिस नेता की धाक चलेगी जिस क्षेत्र में,
ऊंची पोस्ट पर होंगे उसी के रिश्ते के लोग ।

कोई सरकारी / गैर सरकारी महकमा हो ,
अपनो को हो उच्च स्थान दिलवाते है लोग ।

कला या साहित्य का भी क्षेत्र हो चाहे,
स्वजनों को ही पुरस्कार दिलवाते है लोग ।

आर्थिक लाभ भी अत्यधिक “अपनो” के लिए ,
हाथ मलते रह जाते है जरूरत मंद लोग ।

विद्यार्थी कोई चाहे होनहार नहीं भी हो ,
ऊंची पहुंच से शिक्षा लाभ पा जाते है लोग ।

प्रकृति ने नहीं सीखा कभी भेदभाव करना ,
मगर फिर क्यों इनसे शिक्षा नहीं लेते लोग ।

पक्षपात का चश्मा उतार कर अपनी आंखो से ,
क्यों निष्पक्ष जोहरी की नजर नहीं रखते लोग ।

यदि देश और समाज में यह जटिल मिट जाए ,
तभी “सबका साथ, सबका विकास ” मूल मंत्र को ,
साकार कर सकते हैं मेरे देश के लोग ।

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