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2 Jul 2021 · 1 min read

निज भाषा उन्नति बिना, नहीं पूर्ण है आस।

विधा-करभ दोहा छंद

निज भाषा उन्नति बिना, नहीं पूर्ण है आस।
धर्म कर्म अपना करें, करें पूर्ण विश्वास।1।

कर्म करें अपना सभी, स्वावलंब विश्वास।
अपना भारत देश है, वेश -भेष है खास।2।

डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
मौलिक रचना

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