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20 May 2021 · 1 min read

बारिश मन बहकाए

रिमझिम रिमझिम बदरा बरसे सावन आया रे
नन्हीं नन्हीं बूंदें बरसे सावन आया रे
मेरे पिया भये परदेसी, मेरे पिया भये परदेसी
जा जा उनका संदेशा लेके आया रे, आया रे

माथे टीका, कान में झुमकी,
हाथ में कंगना खनके
हार गले में, पैर में पायल,
कमर में तगड़ी चमके
छत्तीस गज का लहंगा पहनूंँ,
घुंँघरू वाली चुनरी ओढूंँ
देखो सज धज के मैं झूलन जाऊंँ रे
रिमझिम रिमझिम बदरा….
नन्हीं नन्हीं…..

बादल गरजे, बिजली चमके
ठंडी चले पुरवइया
ऐसे में मन मोरा तरसे, कहाँ हो मोरे सैंया
मन में नाचे है मयुरिया
आजा जल्दी से सांँवरिया
आजा अब ना बाट दिखाइयो रे
रिमझिम रिमझिम बदरा….
नन्हीं नन्हीं बूंदे….
इंदु वर्मा

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