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20 May 2021 · 1 min read

बरसात

बरसात
तेरा मेरा साथ हो
संग बरसात हो
दिन औ रात हो
बस यही चाहिए

चाय की सुंगध हो
पवन गति मंद हो
बूंदों के छंद हों
बस यही चाहिए

हाथों में हाथ हो
आंँखों से बात हो
बादल भी साथ हों
बस यही चाहिए

काजल सी बिजली हो
आंँखों सी उजली हो
भंँवरा और तितली ज्यों
बस यही चाहिए

तू ही हो सावन
तू ही मनभावन
तुझ से ही यौवन
बस यही चाहिए

इंदु वर्मा

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