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20 May 2021 · 1 min read

रिमझिम रुमझुम बरसात का मौसम

रि्मझिम रुमझुम झूमता गाता इठलाता बरसात का मौसम
महका महका भीगा भीगा आया है किसी की याद का मौसम

बहकी बहकी मतवारी घटा पी आयीं किसी आँखों का नशा
जुल्फ बिखेरा जब उसने आ ही गया बरसात का मौसम

फिजां है कुछ बहकी बहकी कुछ अदा मे रंगत हैं उनकी
रह रह के धड़कने बढ़ने लगीं बरसात है या जज्बात का मौसम

मदमस्त फुहारें झूम उठी आ गये छत की बाम पे वो
अँखियों सेआँखे मिलती रहीं हम तकते रहे मुलाकात का मौसम

एम.तिवारी”अयन”

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