Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
22 Apr 2021 · 1 min read

लाशों का हिन्दुस्तान

लाशों का हिंदुस्तान बनाओगे क्या,
अपनों को अपनों से अंजान बनाओगे क्या,
उम्मीदें दफ़न हो रही सारी बचने वाली,
अब इस देश को शमशान बना दोगे क्या !!
ऐसा मंजर कभी गुजरते देखा नहीं था,
माँ के कदमों में बेटे को मरते देखा नहीं था,
संतान को बाप के बिना बाप को बिन संतान बनादोगे क्या,
अब लाशों का ही हिंदुस्तान बना दोगे क्या !!
लज्जा तक न आती है अपना फरमान सुनाने में,
लाशों का ढेर इकठ्ठा मत करो सिंघासन बनाने में,
उन बेगुनाहों के रक्तों से ही महान कहलाओगे क्या,
अब लाशों का ही हिंदुस्तान बनाओगे क्या

#किसानपुत्री_शोभा_यादव

Loading...