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10 Apr 2021 · 1 min read

सभ्यता

सभ्यता
*******
अंग उघारे आपणा, चलें विश्व की चाप।
भूले बच्चे सभ्यता, देख रहे माँ-बाप।।

© डॉ० प्रतिभा ‘माही’

Language: Hindi
1 Like · 298 Views
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