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28 Mar 2021 · 1 min read

जीने का मकसद

किताबों के बीच
घिरी बैठी हूं पर
ज्ञान एक अक्षर का नहीं
यूं ही पन्ने पलटती
रहती हूं
उन पर लिखा क्या है
उससे मुझे कोई सरोकार नहीं
न मैंने खुद को कभी
खोजा
न इस दुनिया को
न उसके बाहर भी किसी
दुनिया को
मैं कर क्या रही हूं
मेरे जीने का मकसद क्या है
मैंने इस धरती पर जन्म क्यों लिया
बस कुछ चंद सांसे भरकर
उसके पश्चात
मरने को।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

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