Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Mar 2021 · 1 min read

व्यंग*मन के कालों से भले*

चुनाव के परिप्रेक्ष्य में देखें दोहों के माध्यम से व्यंग्य
?❤️?

कीमत कितनी गिर गई,इंसानों की आज।
फिर भी करता स्वयं पर,वह नाहक ही नाज।

धन लालच में बेचता, देखो अपना वोट।
पूंछ हिलाता श्वान सम,पाकर कतिपय नोट।

पौव्वै अद्धे में बिका, इंसां का ईमान।
मत को अपने बेचता,भारत का इंसान।

मन के कालों से भले,तन के काले लोग।
दीमक जैसा लग रहा, कुछ को बस यह रोग।

भीतर से कछु और हैं,बाहर से कछु और।
ऐसे मन के लोग ही, करते हैं नित शोर।।

चोर चोर चिल्ला रहे,मिलकर सारे चोर।
चोर छुपा अन्त:मिला, किया खुदहिं जब गौर।।
**”””******************************
प्रदत्त विषय शब्द::– पंडित,प्राज्ञ, कोविंद,मनीषी,विद्वान
।।शब्द मंथन ।।
विधा:दोहा

देखें व्यंग
???
(१)
महलों से आवास हैं,होटल खाना खाय।
सौ-सौ चूहे खायकर,पंडित खुदहि बताय।।
(२)

सुधी मनीषी प्राज्ञ जन,कोविद पंडित होय।
इन सा बुद्धी में यहां, दूजा है नहि कोय।

दूजा है नहिं कोय इहि,विचक्षण औ विद्वान।
ऐसे बुद्धीमान जन, होते बहुत महान।।

?अटल मुरादाबादी ?

Language: Hindi
328 Views

You may also like these posts

उम्मीद की डोर
उम्मीद की डोर
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
..
..
*प्रणय*
“मेरी किताब “पुष्प -सार” और मेरी दो बातें”
“मेरी किताब “पुष्प -सार” और मेरी दो बातें”
DrLakshman Jha Parimal
🌹#तुम_मुझे_ढूंढ_लेना🌹
🌹#तुम_मुझे_ढूंढ_लेना🌹
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
!! कुद़रत का संसार !!
!! कुद़रत का संसार !!
Chunnu Lal Gupta
आइना भी अब
आइना भी अब
Chitra Bisht
प्रेम मे सबसे  खूबसूरत  चीज होती है कोशिश...थोड़ी और कोशिश ह
प्रेम मे सबसे खूबसूरत चीज होती है कोशिश...थोड़ी और कोशिश ह
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
वह मुझसे ख़ुश रहती है
वह मुझसे ख़ुश रहती है
कुमार अविनाश 'केसर'
संवेदना
संवेदना
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
आत्मा परमात्मा मिलन
आत्मा परमात्मा मिलन
Anant Yadav
धरा महकना
धरा महकना
अरशद रसूल बदायूंनी
प्राण प्रतिष्ठा
प्राण प्रतिष्ठा
Laxmi Narayan Gupta
" दास्तां "
Dr. Kishan tandon kranti
चेहरा सब कुछ बयां नहीं कर पाता है,
चेहरा सब कुछ बयां नहीं कर पाता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
उम्मीद
उम्मीद
Dr fauzia Naseem shad
पेंसिल हो या पेन‌ लिखने का सच हैं।
पेंसिल हो या पेन‌ लिखने का सच हैं।
Neeraj Agarwal
धार में सम्माहित हूं
धार में सम्माहित हूं
AMRESH KUMAR VERMA
कागज
कागज
Rambali Mishra
मैं नहीं जानती
मैं नहीं जानती
भगवती पारीक 'मनु'
तुझमें बसते प्राण मेरे
तुझमें बसते प्राण मेरे
ललकार भारद्वाज
4560.*पूर्णिका*
4560.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ख़ूबसूरती और सादगी के बीच का यह अंतर गहराई और दृष्टि में छिप
ख़ूबसूरती और सादगी के बीच का यह अंतर गहराई और दृष्टि में छिप
पूर्वार्थ
प्रभु हैं खेवैया
प्रभु हैं खेवैया
Dr. Upasana Pandey
लोकतंत्र का पर्व महान - मतदान
लोकतंत्र का पर्व महान - मतदान
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
मैं  गुल  बना  गुलशन  बना  गुलफाम   बना
मैं गुल बना गुलशन बना गुलफाम बना
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
सुलेशन छोड़ कर सलूशन ढूंढ
सुलेशन छोड़ कर सलूशन ढूंढ
सिद्धार्थ गोरखपुरी
तमन्ना
तमन्ना
Shutisha Rajput
जीवन बिता रहे है मजदूर मुफलिसी का ।
जीवन बिता रहे है मजदूर मुफलिसी का ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
🇮🇳एक जमाना था...🥹🥺
🇮🇳एक जमाना था...🥹🥺
Rituraj shivem verma
Loading...