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10 Mar 2021 · 1 min read

मस्तक

मस्तक सोहे चंद्रमा, गंगा जटा समाय
जपता ॐ नमः शिवाय जो, वो ही तुझको पाय
शीला गहलावत सीरत
चण्डीगढ़, हरियाणा

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