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2 Mar 2021 · 1 min read

झांसी वाली रानी

बचपन में पढा था बडों से सुना था,
झांसी वाली रानी थी जिसने रण को चुना था।

मनु था बचपन का नाम फिर ‘छबीली’ बुलाने लगे,
विवाह पश्चात लक्ष्मीबाई पडा इतिहास जो बनना था।

गंगाधर नाम था जीवनसाथी का उनके,
दत्तक पुत्र दामोदर को खेलने दिया झुनझुना था।

प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की थी वीरांगना,
शस्त्र लगाए गले हार श्रंगार किया अनसुना था।

ब्रिटिश साम्राज्य से था डटकर लोहा लिया,
मरते दम तक अपनी झांसी को न खोना था।

स्वयंसेवक सेना गठन कर महिलाओं की भर्ती की,
सक्षम है स्वरक्षा में महिला संदेश ये देना था।

अमर रहेगा नाम हमेशा उनका इतिहास में,
हो जिस देश ऐसी वीरांगना देश तो आजाद होना था।

–अशोक छाबडा, गुरूग्राम।

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