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15 Feb 2021 · 1 min read

*टेसू पलाश"*

“टेसू पलाश” (तिलका छंद)
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मन प्रीत जगे ,
तब गीत सजे ,
शुचि टेसू खिले ,
नव रंग मिले।
????????
जब सांझ ढले ,
तब दीप जले ,
शुभ भाव भरे ,
उर ताप हरे।
????????
जब कली खिले ,
सब रंग मिले ,
जब मीत मिले ,
तब रूप खिले।
????????
शशिकला व्यास✍️

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