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8 Feb 2021 · 1 min read

ताली दोगे तो ताली बजेगी

22 + 22 + 22 + 22 + 2
गाली दोगे तो गाली मिलेगी
ताली दोगे तो ताली बजेगी

ऐ ग़म के मारों, सच है यही तो
तन्हा हो तो तन्हाई डसेगी

चूर रहो तुम मस्ती में हरदम
खुशियों में शामिल बज़्म सजेगी।

सच्चा प्यार न ठुकराओ यारो
तुमको ये कमी हर वक़्त खलेगी

बेशक न समझ ये हक़ीक़त चाहे
ये वफ़ायें तेरे साथ चलेगी

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