Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Feb 2021 · 1 min read

वन्दना

जयतु जयतु मां शारदे, बारम्बार प्रणाम।
देना मेरी कलम को नित नूतन आयाम।।

सद् लिखूं सतपथ चलूं, कभी न भूलूं राह।
शुचिता, धीरज, सौम्यता सदा नियंत्रित चाह।।

जननी तुम पालक तुम्ही, तुम्ही प्रेरणा सिंधु।
तुम पर आश्रित लेखनी, भारत याचक बिंदु।।

भारतेन्द्र शर्मा “भारत”
धौलपुर, राजस्थान

Language: Hindi
4 Likes · 4 Comments · 345 Views

You may also like these posts

पथदृष्टा
पथदृष्टा
Vivek Pandey
जगत जननी की पीड़ा
जगत जननी की पीड़ा
Sudhir srivastava
रिश्ते अब रास्तों पर
रिश्ते अब रास्तों पर
Atul "Krishn"
सौगंध से अंजाम तक - दीपक नीलपदम्
सौगंध से अंजाम तक - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
“बनावटी बातें”
“बनावटी बातें”
ओसमणी साहू 'ओश'
मन में जीत की आशा होनी चाहिए
मन में जीत की आशा होनी चाहिए
Krishna Manshi
मंजिल तक पहुँचने के लिए
मंजिल तक पहुँचने के लिए
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
यूं सियासत ज़रा सी होश-ओ-हवास में करना,
यूं सियासत ज़रा सी होश-ओ-हवास में करना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कोहिनूर
कोहिनूर
इंजी. संजय श्रीवास्तव
मुश्किल से मुश्किल हालातों से
मुश्किल से मुश्किल हालातों से
Vaishaligoel
** मन में यादों की बारात है **
** मन में यादों की बारात है **
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
घर आंगन
घर आंगन
surenderpal vaidya
नये सफर में गये हो जब से  बड़ी शराफत दिखा रहे हो।
नये सफर में गये हो जब से बड़ी शराफत दिखा रहे हो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मेरे भी अध्याय होंगे
मेरे भी अध्याय होंगे
Suryakant Dwivedi
अगर मेरे अस्तित्व को कविता का नाम दूँ,  तो इस कविता के भावार
अगर मेरे अस्तित्व को कविता का नाम दूँ, तो इस कविता के भावार
Chaahat
Top nhà cái uy tín luôn đảm bảo an toàn, bảo mật thông tin n
Top nhà cái uy tín luôn đảm bảo an toàn, bảo mật thông tin n
Topnhacai
हो अंधेरा गहरा
हो अंधेरा गहरा
हिमांशु Kulshrestha
आदरणीय मंच,
आदरणीय मंच,
Mandar Gangal
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक arun atript
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक arun atript
DR ARUN KUMAR SHASTRI
छोटे दिल वाली दुनिया
छोटे दिल वाली दुनिया
ओनिका सेतिया 'अनु '
मन की गति
मन की गति
Dr. Kishan tandon kranti
दिल यूं ही बे’क़रार लगता है ,
दिल यूं ही बे’क़रार लगता है ,
Dr fauzia Naseem shad
G
G
*प्रणय*
12. The Motherly Touch
12. The Motherly Touch
Santosh Khanna (world record holder)
मरूधर रा मिनखं
मरूधर रा मिनखं
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
You'll never truly understand
You'll never truly understand
पूर्वार्थ
लरजते हुए आंसुं
लरजते हुए आंसुं
कार्तिक नितिन शर्मा
2848.*पूर्णिका*
2848.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
The Rising Sun
The Rising Sun
Buddha Prakash
कौन कमबख्त नौकरी के लिए आता है,
कौन कमबख्त नौकरी के लिए आता है,
Sanjay ' शून्य'
Loading...