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17 Jan 2021 · 1 min read

रचना

प्रेम

तेरी मीठी बातें सुनकर
तारें गिन- गिन बीती रातें

तुझको ही तुझसे से लिया
अपने प्रेम हृदय में बसा लिया

तेरी मीठी बातें सुनकर मैनें..
आसमां में तारें, गिन काटीं रातें

मछली प्रेम, जल से करती है
बिछड़ जल से, पल में मरती है

प्रेम की तड़प, प्रेमी ही जानें
बन मोम, प्रेम में जलता जानें

रस्में, कसमें, वादें, प्रेम निभाएं
प्रेम शब्द.,”सीरत” मन झुक जाए
शीला गहलावत सीरत
चण्डीगढ़

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