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9 Dec 2020 · 1 min read

!..अधूरे हम..अधूरे वो..!

किसी के गुलिस्तां का गुल बनकर
ज़िन्दगी उसकी गुलज़ार कर दूं..!

किसी की आंखो का नूर बनकर
आंचल को उसके तारों से भर दूं..!

किसी के गालों की लाली बनकर
चेहरा मैं उसका गुलनार कर दूं.!

कोई मुझको मिले गर मुझ सा अधूरा
मै उसका बनकर उसे मुकम्मल कर दूं.!

……❤️…….
✍️..#_मदीहा_अय्याज़”फरीदा”

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