Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
30 Oct 2020 · 1 min read

शायरी

Post.3
कामयाबी को बटोरा था दिन रात जागकर,
खुशियां उम्मीदें एक ताज़ा की थी,
बैटा पूंछ रहा हैं तूं मुझसे,
तुमनें किया हैं जो किस ख्वाब से हैं,।
Jayvind Singh Ngariya Ji

Loading...