Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
12 Oct 2020 · 1 min read

या नबी ! बस आपका हमको सहारा चाहिये

लश्करे तूफ़ां में कश्ती को किनारा चाहिये
या नबी ! मंझधार में हमको सहारा चाहिये

हो सकेगा पार पुल तलवार की जो धार पर
बस नज़र के सामने रब का दुलारा चाहिये

पार भवसागर हो जाए हो इनायत आपकी
आपका, अज्ञानियों को इक इशारा चाहिये

है करम गर आपका तो मायने जानें सभी
मैल दिल का साफ हो वो आब सारा चाहिये

आपाधापी ज़ीस्त में ,बेचैनियों का दौर है
अम्न का पैग़ाम दुनिया को दोबारा चाहिये

और सच्ची राह पर बेख़ौफ़ आगे हम बढ़ें
या नबी ! बस आपका हमको सहारा चाहिये

राह सच्ची वो बता दो नेकियां हम कर सकें
मिल सके आनन्द भी वापस हमारा चाहिये

– डॉ आनन्द किशोर

Loading...