आज़ाद गज़ल
वाहीयात बातों से आपको हँसाते हैं
आइये कपिल शर्मा का शो दिखातें हैं ।
फुहड़ता कितना हो गया है फायदेमंद
लोग अब बेशरमी से फ़ायदा उठाते हैं ।
उधार की आधुनिकता के अधर में लटके
देखो कैसे हम खुद की खिल्ली उड़ाते हैं।
सोंच में पड़ी है सभ्यता-संस्कृति,सादगी
और हम निर्लज्ज़्ता से माखौल उड़ाते हैं।
अंतरात्मा दुखी है इंसानियत के पतन पे
जबकी हम जहालत का भी जश्न मनाते हैं।
क्या जाता है तुम्हारे बाप का अजय,बताओ
कौन सा वो तुम्हारी कमाई दौलत लुटाते हैं।
-अजय प्रसाद