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4 Sep 2020 · 1 min read

मेरे मंजिल

नगमें प्रेमिल
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मेरी मंजिल
है तेरा दिल

बदले चाहे
राहें हर पल

तुम तो मेरे
हो संगदिल

प्रेम तुम्हारा
अंदर निश्चल

मतवाले हम
नहीं बुजदिल

मस्ताने हुए
ढ़ूंढ़ते है बिल

दर्द भरे हैं
नगमें प्रेमिल

मंझदार खड़े
सुदूर साहिल

भूखे प्यासे
ना पीया जल

नया सवेरा
स्नेह निश्छल

मनसीरत सा
अजीज हरदिल
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

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