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26 Aug 2020 · 1 min read

उर में बस गए राम मेरे

उर में बस गए राम मेरे,
अब दर्शन हर पल करता हूँ।
प्रभु दर्शन की अमूल्य निधि से,
मैं अपनी झोली भरता हूँ।
रखवारे जब से राम हुए,
तब से न किसी का दखल हुआ।
प्रभु के श्री चरणों में आकर,
यह जीवन मेरा सफल हुआ।

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