Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Aug 2020 · 2 min read

साहित्य : “एक दर्पण”

मनुष्य जब जब शीशे के सामने जाता है
अपनी शक्ल को उसमें निहार कर चेहरे को निखारता है ।
जहां कहीं उसे लगता है कि यहां धूल मिट्टी लगी है ,उसे पोछता है।
साहित्य क्या है? यह भी तो समाज के लिए आईने का ही काम करता है।
साहित्य किसी ने गढ़ा है
तो किसी ने पढ़ा है
तभी तो यह समाज आगे बढ़ा है
साहित्य की प्रत्येक विधा समाज पर प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से प्रभाव छोड़ती है।
कविता साहित्य को ही यदि हम उदाहरण स्वरूप देखें तो हम पाते हैं कि नवरस रूपी रत्न कहीं ना कहीं हम से जुड़े हैं
कविताएं कभी क्रांति लाती है कभी हंसाती है रुलाती है मिलती है तो कभी विरह की आग जलाती है।
कहानी रिश्तो को जोड़ती है
तो जीवनी प्रेरणा देती है
रेखाचित्र संस्मरण नाटक उपन्यास सहित सभी विधाएं समाज में कुछ न कुछ परोसती व पोसती है।
साहित्यकार जब सृजन की वेदी पर बैठता है उसके सामने समाज के जन-जन आहुति कर्ता के रूप में उपस्थित होकर उसकी साधना तपस्या व हवन को पूर्णाहुतिदेते हैं
साहित्य समाज निर्माण व्यक्ति निर्माण के साथ राष्ट्र निर्माण में अपना अमूल्य योगदान देता है ।

जिस राष्ट्र का साहित्य जितना गरिमामयहोगा उस राष्ट्र के जन-जन का चरित्र भी उतना ही उत्कृष्ट कोटि का होगा ।
युग परिवर्तन के साथ साहित्य में भी परिवर्तन हुआ है और होना भी चाहिए आज साहित्य रूपी दर्पण की नितांत आवश्यकता है ।आज की युवा पीढ़ी साहित्य से दूर और पश्चिमी सभ्यता के पास जा रही है ।

यदि साहित्यकारों ने समाज को दिशा नहीं तो आने वाली पीढ़ियां हमारी परंपरा संस्कृति को जान नहीं पाएगी जो कि साहित्य के साथ समाज के लिए ठीक नहीं होगा ।
आओ हम प्रयास करें ।
नव सृजन के भाव भरे।
साहित्य संस्कृतियों का देश हमारा ।
फिर से विश्व पटल पर
अग्रिम पंक्ति में खड़ा करें।
“राजेश व्यास अनुनय”

Language: Hindi
Tag: लेख
4 Likes · 2 Comments · 587 Views

You may also like these posts

सभी को 2025 की हार्दिक बधाई और हार्दिक          शुभकामनाऐं
सभी को 2025 की हार्दिक बधाई और हार्दिक शुभकामनाऐं
Sushil Sarna
कला
कला
Kshma Urmila
23/08.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
23/08.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
संस्मरण *सुंदर लाल इंटर कॉलेज ,रामपुर में दो दिग्गज राजनेताओं द्वारा किया गया गैर-राजनीतिक प्रवृत्ति का योगदान
संस्मरण *सुंदर लाल इंटर कॉलेज ,रामपुर में दो दिग्गज राजनेताओं द्वारा किया गया गैर-राजनीतिक प्रवृत्ति का योगदान
Ravi Prakash
बढ़ना चाहते है हम भी आगे ,
बढ़ना चाहते है हम भी आगे ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
हमारे अच्छे व्यवहार से अक्सर घृणा कर कोसते हैं , गंदगी करते
हमारे अच्छे व्यवहार से अक्सर घृणा कर कोसते हैं , गंदगी करते
Raju Gajbhiye
थ्हूं गंगा थ्हूं गोमती, थ्हूं जमना जळ धार।
थ्हूं गंगा थ्हूं गोमती, थ्हूं जमना जळ धार।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
रमेशराज के देशभक्ति के बालगीत
रमेशराज के देशभक्ति के बालगीत
कवि रमेशराज
शिद्धतों से ही मिलता है रोशनी का सबब्
शिद्धतों से ही मिलता है रोशनी का सबब्
डॉ. दीपक बवेजा
पास आकर मुझे अब लगालो गले ,
पास आकर मुझे अब लगालो गले ,
कृष्णकांत गुर्जर
रोशनी का रखना ध्यान विशेष
रोशनी का रखना ध्यान विशेष
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
संविधान की कहानी
संविधान की कहानी
Sudhir srivastava
Be valuable.
Be valuable.
पूर्वार्थ
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
जो दूरियां हैं दिल की छिपाओगे कब तलक।
जो दूरियां हैं दिल की छिपाओगे कब तलक।
सत्य कुमार प्रेमी
चुप रहो
चुप रहो
Sûrëkhâ
शौक या मजबूरी
शौक या मजबूरी
संजय कुमार संजू
हम
हम
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बिटिया!तुम संघर्षों से मत घबराना .....
बिटिया!तुम संघर्षों से मत घबराना .....
पं अंजू पांडेय अश्रु
खबरदार होना चाहिए
खबरदार होना चाहिए
Ghanshyam Poddar
" परवरिश "
Dr. Kishan tandon kranti
फ़ेसबुक पर पिता दिवस / मुसाफ़िर बैठा
फ़ेसबुक पर पिता दिवस / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
एकांत
एकांत
Shally Vij
मैं लिखता हूं..✍️
मैं लिखता हूं..✍️
Shubham Pandey (S P)
वात्सल्य भाव
वात्सल्य भाव
राकेश पाठक कठारा
"हृदय " की एक राखी आपके नाम
Rekha Sharma "मंजुलाहृदय"
रुकता समय
रुकता समय
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
..
..
*प्रणय*
स्वच्छता अभियान
स्वच्छता अभियान
Neha
मानव तन
मानव तन
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
Loading...