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23 Aug 2020 · 1 min read

अधूरी मोहब्बत

सूनी सूनी अंखियों से
बूँद बूँद झलकता रहा
रात भर बारिश के साथ
दर्द सीने से निकलता रहा
साथ दिया एक गुलदस्ते ने हमारा
आशियाँ में मेरे वही सुलगता रहा
आज चाँद भी मुरझाया था
शायद उसकी खूबसूरती पर,
कोई हसता रहा
मोहब्बत प्यासी रही उनकी गलियों में
एक मजनू उनके दीदार को तरसता रहा
… भंडारी लोकेश✍️

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