Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Aug 2020 · 1 min read

गणपति अभिनंदन

हे शिव सुत पार्वती नंदन गजानना।
हे दुख भंजन विघ्न विनाशक गजवदना।
हे हेरम्ब विद्यारंभ सिद्धिविनायक गजानना।
हे परब्रह्मं सच्चिदानंद सर्वज्ञ ज्ञान गम्यम गणेशाना।
हे दीनबंधु अनाथनाथा सकल विश्व पालक गजानना।
हे परमेश्वर हे धीरेश्वर संकट मोचन गजानना।
हे सिद्धि बुद्धि प्रदायक सर्वसुख दायक गजानना।
हे सर्वज्ञान प्रकाशक दुरात्मा संहारक वीरेश्वर गजानना।
हे पथ प्रदर्शक आशा किरण स्फुरित संकल्प प्रेरक गजानना।
हे विश्वेश्वर सर्व प्राणी संरक्षक आपदा विमोचक गजानना।
हे आनंद स्वरूप ,शांति स्वरूप ,समृद्धि स्वरूप ,तुझे मेरा वंदन स्वीकार हो।
अपने पावन जन्मदिवस पर मेरा हृदय से अभिनंदन स्वीकार हो।

Language: Hindi
9 Likes · 10 Comments · 380 Views
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all

You may also like these posts

अहोभाग्य
अहोभाग्य
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कभी जब नैन  मतवारे  किसी से चार होते हैं
कभी जब नैन मतवारे किसी से चार होते हैं
Dr Archana Gupta
वक्त के साथ-साथ चलना मुनासिफ है क्या
वक्त के साथ-साथ चलना मुनासिफ है क्या
डॉ. दीपक बवेजा
परख और पारखी
परख और पारखी
Mahender Singh
कोई पूछे तो
कोई पूछे तो
Surinder blackpen
रिश्ते
रिश्ते
पूर्वार्थ
मौत
मौत
Harminder Kaur
और भी हैं !!
और भी हैं !!
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
#गांव_के_बियाह
#गांव_के_बियाह
Rituraj shivem verma
विष का कलश लिये धन्वन्तरि
विष का कलश लिये धन्वन्तरि
कवि रमेशराज
" सोचो "
Dr. Kishan tandon kranti
किण गुनाह रै कारणै, पल-पल पारख लेय।
किण गुनाह रै कारणै, पल-पल पारख लेय।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
रोता हुआ जंगल
रोता हुआ जंगल
Rambali Mishra
सामाजिक न्याय
सामाजिक न्याय
Shekhar Chandra Mitra
इक तुम्ही तो लुटाती हो मुझ पर जमकर मोहब्बत ।
इक तुम्ही तो लुटाती हो मुझ पर जमकर मोहब्बत ।
Rj Anand Prajapati
शरद जोशी (एक अनूठे व्यंग्य रचनाकार)
शरद जोशी (एक अनूठे व्यंग्य रचनाकार)
Indu Singh
जीवन जिंदा है...
जीवन जिंदा है...
Ritesh Deo
■ आखिरकार ■
■ आखिरकार ■
*प्रणय*
जीवन से अज्ञानता का अंधेरा मिटाते हैं
जीवन से अज्ञानता का अंधेरा मिटाते हैं
Trishika S Dhara
कोई  फरिश्ता ही आयेगा ज़मीन पर ,
कोई फरिश्ता ही आयेगा ज़मीन पर ,
Neelofar Khan
कहानी मंत्र कि समीक्षा
कहानी मंत्र कि समीक्षा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
4758.*पूर्णिका*
4758.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अब ऐसी कोई लालसा नहीं
अब ऐसी कोई लालसा नहीं
अनिल "आदर्श"
देव अब जो करना निर्माण।
देव अब जो करना निर्माण।
लक्ष्मी सिंह
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कर के श्रृंगार न दर्पण निहारा करेंगे
कर के श्रृंगार न दर्पण निहारा करेंगे
Jyoti Roshni
सत्य तेरी खोंज
सत्य तेरी खोंज
Sonu sugandh
"जीने की तमन्ना"
Rahul Singh
*तेरी याद*
*तेरी याद*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
आजकल किन किन बातों का गम है
आजकल किन किन बातों का गम है
Ram Krishan Rastogi
Loading...