बेटी की बिदाई
बेटी चली ससुराल
बेटी चली ससुराल
मेरी आंख यह भर आई है
बेटी चली ससुराल
बेटी चली ससुराल
मेरी आंख भर आई है
विदाई संग बधाई है
बेटी चली ससुराल
मैया की प्यारी
हम सबकी दुलारी
बाबुल भी सीसकी भरे
बचपन की यह सखियां
भीगो के अखियां
कामना सुख की करे
बड़े दिनों के बाद
बड़े दिनों के बाद
घर में बजी यह शहनाई है
बड़े दिनों के बाद
बड़े दिनों के बाद
घर में बाजे शहनाई
बिदाईसंग बधाई है
बेटी चली ससुराल —— जय बेटी
राजेश व्यास “अनुनय”
बोड़ा (राजगढ़)एमपी