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4 Aug 2020 · 1 min read

तुम

झुरमुट में छुपे
पूनम के चाँद सी तुम,
दूर बहुत दूर फ़िर भी
क्यों अपनी सी तुम l

क्यों भिगो देती हो
तन मन को,
सावन की भीनी-भीनी
गीली हवाओं सी तुम।।
सलिल

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