आज़ाद गज़ल
खुदा की मुझ पर इनायत यही है
करता कोई मुझसे नफरत नही है
लाख दर्द मिले हैं दुनिया वालों से
मुझे किसी से शिकायत नही है ।
किसने है किया मेरे हक़ में बुरा
याद रखना मेरी रवायत नही है ।
मिलता हूँ सबसे मुस्कुरा कर मै
उदास रहना मेरी आदत नही है ।
ज़िंदगी मेरी मुझसे रहती खफ़ा है
और मौत को मुझसे मुहब्बत नही है ।
-अजय प्रसाद