Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jul 2020 · 3 min read

कता

इन्सान खुदा

हमारी भी कुछ हैसियत है क्या
अच्छा! तो हमें क्यों नहीं पता ।
सदियाँ गुजर गयी समझने में
मालिक कौन? इन्सान या खुदा ।
-अजय प्रसाद

सहरा में हूँ नागफनी की तरह
दोस्ती में हूँ दुश्मनी की तरह।
हैसियत की तू हकीकत न पूछ
खुद घर में हूँ अलगनी की तरह।
-अजय प्रसाद
बहस और विवाद ज़रूरी है
हर्ष और विषाद ज़रूरी है।
ताकी खड़ा रहे ज़्म्हुरियत
जनतंत्र की बुनियाद ज़रूरी है ।
-अजय प्रसाद

जैसा हूँ वैसा ही मंजूर कर
वरना अपने आप से दूर कर ।
रहने दे मुझको तू मेरी तरह
तेरी तरहा यूँ मत मजबूर कर ।
-अजय प्रसाद

हम होंगे कामयाब एक दिन
ज़र्रे से आफताब एक दिन ।
जो आज कह रहे हैं नक्कारा
कहेंगे वही नायाब एक दिन ।
-अजय प्रसाद

मुझे वरगलाने की बात करता है
कहीं दिल लगाने की बात करता है ।
लोग यहाँ कितना किफायत करतें हैं
और ‘वो’ सब लूटाने की बात करता है ।
-अजय प्रसाद

शक़्ल में फूलों के खार मिलें
दुश्मनी निभाने को यार मिलें ।
ठोकरों ने है संभाला अक्सर
सबक मुझको हर बार मिलें ।
-अजय प्रसाद

एक दिन गुमनाम ही जहां से गुजर जाऊँगा
ज़िंदगी तेरी नज़रों से जब मैं उतर जाऊँगा ।
कुछ लोग आएंगे मेरी मैयत पे आसूँ बहाने
ओढ़ कफ़न अपने-वजूद से मुकर जाऊँगा ।
-अजय प्रसाद

वादे से मुकरना दुनिया ने सिखाया
आगे से गुजरना दुनिया ने सिखाया ।
कब,कँहा,किससे, कितना और कैसे
मुझे है उबरना दुनिया ने सिखाया ।
-अजय प्रसाद

लिए कांधे पर खुद की लाश ज़िंदा हूँ
ज़िंदगी,मैं तेरी रुसवाई पे शर्मिन्दा हूँ ।
जो कभी किसी का एक जैसा न रहा
उसी वक्त के हाथों पीटा गया कारिंदा हूँ ।
-अजय प्रसाद

अपनी शर्तों पे जिया है और कुछ नहीं
मुझ पे रहमते खुदा है और कुछ नहीं ।
जिंदगी भर बस मुसलसल जद्दोजहद
आंधियों में एक दिया है और कुछ नहीं ।
-अजय प्रसाद

दौलत,शोहरत,तोहफे,तमगे न पुरस्कार चाहिए
बस आप के दिलों में खुद के लिए प्यार चाहिए ।
जो मिले,जब मिले और जैसे जिस हाल में मिले
नज़रों में आदर, अपनापन और सत्कार चाहिए ।
-अजय प्रसाद

उसकी नफरतों से निखर गया
इश्क़ में मैं इस कदर गया ।
मेरी बद हवासी का आलम न पूछ
तवाही की तरफ़ ,खुश हो कर गया ।
-अजय प्रसाद

अपने हिस्से की हम दुनिया दारी रखें
कुछ तो अपने अंदर भी इमानदारी रखें ।
कोसना सरकार को हमेशा ठिक नहीं
जितनी हो सके उतनी ज़िम्मेदारी रखें ।
अगर करतें हैं उम्मीद दूसरों से वफ़ा की
तो उनके लिए भी दिल में वफादारी रखें ।
-अजय प्रसाद
शहर दर शहर है अन्दोलनों का कहर
किसे फ़िक्र,अवाम है परेशां किस कदर ।
तोड़फोड़,आगजनी और हिंसक प्रदर्शन
कौन फैला रहा है ये अशान्ति का ज़हर ।
-अजय प्रसाद

किस कदर आज है मजबूर आदमी
अपनों से भी हो गया है दूर आदमी ।
किसकी खता थी कौन भुगत रहा है
सोंचता है बैठ कर बेकसूर आदमी ।
-अजय प्रसाद
संयम कम और आकांक्षाएँ अपरीमित
लालसाएं असंख्य और साधन सीमित ।
अनियंत्रित जीवन की अनंत प्रतिस्पर्धा
अनवरत संघर्ष है दिनचर्या अनियमित ।
-अजय प्रसाद

वादे से मुकरना दुनिया ने सिखाया
आगे से गुजरना दुनिया ने सिखाया ।
कब,कँहा,किससे, कितना और कैसे
मुझे है उबरना दुनिया ने सिखाया ।
-अजय प्रसाद

तोहमत एक दूजे पे लगाते रहें हैं
धंधा सियासत का चलाते रहें हैं ।
फ़िक्र है अवाम की उन्हें बेहद
खोखले आश्वासन दिलाते रहे हैं
कहीं पत्थर दिल न कोई समझे
घड़ियाली आसूँ वो बहाते रहें हैं
-अजय प्रसाद
होश में आए हैं सब कुछ लूटा कर
पछताए बहुत हम सर पे बिठा कर ।
हमे क्या पता था इस कदर भी होगा
जश्न वो मनाएंगे हमको मिटा कर ।
रास्ते पे थे बैठे हम लगा कर उम्मीदें
बढ़ गए आगे वो ठोकर लगा कर ।
-अजय प्रसाद

अन्धों की बस्ती में आईने बेच रहा हूँ
धूप में बैठकर मैं छाँव सेंक रहा हूँ ।
हाँ ,है तो बेहद मुशिकल काम दोस्तों
पानी में चंद लकीरें मैं खैंच रहा हूँ ।
-अजय प्रसाद

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 258 Views

You may also like these posts

"विजयादशमी"
Shashi kala vyas
याद रखना मुझे
याद रखना मुझे
Kanchan verma
दोहा त्रयी. .
दोहा त्रयी. .
sushil sarna
विरह की वेदना
विरह की वेदना
Kirtika Namdev
भोले नाथ है हमारे,
भोले नाथ है हमारे,
manjula chauhan
मां की ममता
मां की ममता
Shutisha Rajput
A tail star 'comet'
A tail star 'comet'
Buddha Prakash
हम मुस्कुराते हैं...
हम मुस्कुराते हैं...
हिमांशु Kulshrestha
पंछी
पंछी
Saraswati Bajpai
हम समुंदर का है तेज, वह झरनों का निर्मल स्वर है
हम समुंदर का है तेज, वह झरनों का निर्मल स्वर है
Shubham Pandey (S P)
बचपन
बचपन
अवध किशोर 'अवधू'
तलाश
तलाश
Shyam Sundar Subramanian
Y
Y
Rituraj shivem verma
2485.पूर्णिका
2485.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
ओढ दुशाला श्याम का, मीरा आर्त पुकार
ओढ दुशाला श्याम का, मीरा आर्त पुकार
RAMESH SHARMA
युगों-युगों तक
युगों-युगों तक
Harminder Kaur
चिंतन का विषय अशिक्षा की पीड़ा,, बेटा बचाओ
चिंतन का विषय अशिक्षा की पीड़ा,, बेटा बचाओ
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
बिन मांगे ही खुदा ने भरपूर दिया है
बिन मांगे ही खुदा ने भरपूर दिया है
हरवंश हृदय
डाॅ. राधाकृष्णन को शत-शत नमन
डाॅ. राधाकृष्णन को शत-शत नमन
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
जुदाई
जुदाई
Davina Amar Thakral
हिन्दुस्तानी हे हम
हिन्दुस्तानी हे हम
Swami Ganganiya
हे बेटी...
हे बेटी...
Jyoti Pathak
"सबक"
Dr. Kishan tandon kranti
बरेली में झुमका यहाँ गिरा...
बरेली में झुमका यहाँ गिरा...
अरशद रसूल बदायूंनी
अरे सुन तो तेरे हर सवाल का जवाब हूॅ॑ मैं
अरे सुन तो तेरे हर सवाल का जवाब हूॅ॑ मैं
VINOD CHAUHAN
*सत्य राह मानव की सेवा*
*सत्य राह मानव की सेवा*
Rambali Mishra
आप कहते हो, मान लेते हैं ,
आप कहते हो, मान लेते हैं ,
Dr fauzia Naseem shad
तेरी हँसी
तेरी हँसी
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
बिखरे हुए सपने हैं मेरे
बिखरे हुए सपने हैं मेरे
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
🙏 * गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏 * गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
Loading...