आज़ाद गज़ल
आईये आप को दिखाता हूँ मैं बाढ़ का नज़ारा
कैसे जलमग्न हुआ है घर,गावँ,गलियाँ चौबारा ।
वो जो जरा सा मुंडेर दिखाई देता है न पानी में
बस वही तो हुजूर डूबा हुआ है घरवार हमारा ।
आप न करें तकलीफ उतर कर यहाँ देखने की
प्रशासन ने तो किया ही होगा बन्दोबस्त सारा ।
हेलीकाप्टर,मोटरबोट अधिकारी और चपरासी
सब बताएँगे कि कैसे मुश्किलों से है हमें उबारा ।
आप बस राहत की राशि का एलान कर दिजीये
फ़िर देखें कितना जल्द होगा बाढ़ से निपटारा ।
राशि मिलते ही बंदरबाट हो जाएगी आपस में
हमारे इलाकों से बाढ़ का पानी निकलेगा सारा ।
यही परम्परा है जो इमानदारी से निभाई जाती है
पीड़ितों को मिलता है राशन हो जाता है गुजारा ।
तुम भी न अजय हो एक अव्वल दर्जे के बेवकूफ
जहाँ जाते हो खोल देते हो अपने मुहँ का पिटारा ।
-अजय प्रसाद