Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
20 Jul 2020 · 1 min read

आजादी

स्वतंत्र हुआ है देश हमारा वीरों के बलिदानों से
अब तक देश बचा के रखा अपने वीर जवानों से
भारत माता मुझे बुलाएं पहन रक्त का चोला।
मेरा रंग दे बसंती चोला ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, चोला
देश की रक्षा की खातिर हम अपना लहू बहाएंगे
दुश्मन को नहीं जीने देंगे बॉर्डर पर मिट जाएंगे
देश की आजादी कि खातिर हमने लहू की होली खेला
मेरा रंग दे बसंती चोला,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, चोला
झुक जाएं जग चाहे सारा झंडा हम लहराएंगे
देश में आए अगर मुसीबत हम अपना लहू बहाएंगे
देश रहे आजाद हमेशा ऐसा खेल है हमने खेला
मेरा रंग दे बसंती चोला,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, चोला
आएगा जो राह में मेरी उसका नाम मिटा देंगे
भारत माता के चरणों में हम सारे देश झुका देंगे
राह में आए 61,65, और 71 को भी हमने झेला
मेरा रंग दे बसंती चोला,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, चोला

Loading...