जीवन को पैगाम समझना पड़ता है
There can be many ways to look at it, but here's my understa
रात में कितना भी मच्छर काटे
हो जाता है आदमी, सचमुच बहुत उदास .
खूब उलझता हूँ रिश्तों के जालों में।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
24/251. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
बहती गंगा सदा ही मेरे पास है
*स्वप्न को साकार करे साहस वो विकराल हो*
ये शिकवे भी तो, मुक़द्दर वाले हीं कर पाते हैं,
कृपा महावीर बैठा घर घर प्यार है
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
गीत- निभाएँ साथ इतना बस...
गजल क्या लिखूँ कोई तराना नहीं है
Purpose day
Santosh kumar Miri "kaviraj"
बड़भागिनी
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
प्यार क्या होता, यह हमें भी बहुत अच्छे से पता है..!